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Archive of जनवरी - फरवरी 2024 Issue
न्यूज़ीलैंड से प्रकाशित हिंदी पत्रिका, 'भारत-दर्शन' से जुड़ें : फेसबुक - ट्विटरसदैव की भांति इस अंक में भी 'कथा-कहानी' के अंतर्गत कहानियाँ, लघु-कथाएं व बाल कथाएं प्रकाशित की गई हैं। इस अंक के काव्य में सम्मिलित है - कविताएं, दोहे, बाल-कविताएं, हास्य कविताएं व गज़ल।
जनवरी-फरवरी अंक आपको भेंट।
इस अंक की कहानियों में कुमारी राजरानी की कहानी 'अधूरी कहानी', मंगला रामचंद्रन की 'पूर्ण विराम थोड़े ना लगा', खेमराज श्रीबंधु 'आदर्श' की कहानी, 'ज़ालिम भूख' नफे सिंह कादयान की कहानी 'तमाशा' और डॉ आरती लोकेश गोयल की कहानी, 'चीरसंचित प्रतिकार' सम्मिलित की गई है।
लघुकथाओं में इस बार विष्णु प्रभाकर की लघुकथा, 'कर्तव्य निष्ठा', जोगेंदर पाल की लघुकथा, 'मैं खो गया हूँ' और वि॰ स॰ खांडकर की लघुकथा 'बकरी' प्रकाशित की हैं।
लोक-कथाओं में भारत की लोक-कथा 'कबूतर का घोंसला' और अफ्रीका की लोक-कथा 'सुनहरा अखरोट पढ़ें। इनके अतिरिक्त लोहड़ी की कथाएँ पढ़ें।
रोचक सामग्री के अंतर्गत इस बार कुमार मनीश हमारा परिचय 'जल बरसाने वाले वृक्ष' से करवा रहे हैं। इस बार एक 'शब्द चित्र भी प्रकाशित किया गया है। इसके अतिरिक्त 'माओरी कहावतें' पठनीय हैं। माओरी न्यूज़ीलैंड के मूल निवासी हैं। इनकी माओरी भाषा की कहावतों का हिन्दी भावानुवाद उपलब्ध करवाया गया है।
इस बार दोहों में नीरज के दोहे और आयुर्वेदिक दोहे पढ़िए।
कविताओं में महादेवी वर्मा की, 'जाग तुझको दूर जाना', निराला की, 'बादल राग', लक्ष्मीकान्त वर्मा की, 'मैं आत्मलीन हूँ' और आराधना झा श्रीवास्तव की कविता 'लाल देह लाल रंग, रंग लियो बजरंग' रचनाएं सम्मिलित की गई हैं।
हास्य रस में कवि बेधड़क, शरदेन्दु शुक्ल, भारतेन्दु हरिश्चंद्र और प्रदीप चौबे की हास्य रचनाएं पढ़ें।
ग़ज़लों में निराला, उदयभानु हंस, राजगोपाल सिंह व प्रगीत कुँअर की ग़ज़लें पढ़ें।
बाल साहित्य में बच्चों की कविताएं, बच्चों की कहानियाँ व पंचतंत्र की कहानी प्रकाशित की गई हैं।
व्यंग्य में इस बार लतीफ़ घोंघी का व्यंग्य, 'कुछ नहीं होने की पीड़ा' और नरेन्द्र कोहली का व्यंग्य 'भेजो' पढ़ें।
इस बार गीतों में गोपाल सिंह नेपाली, सुदर्शन, रामावतार त्यागी, राजगोपाल सिंह, डॉ सुधेश, आनंद विश्वास और डॉ शंभुनाथ तिवारी के गीत पढ़िए।
आलेखों में डॉ शुभंकर मिश्र का आलेख, 'लछमन गुण गाथा', डॉ एस मुट्टू कुमार का आलेख, 'तिरुवनामालै : पवित्र और आध्यात्मिक स्थल' व प्रो. सरोज शर्मा का आलेख, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में स्कूली शिक्षा' पढ़ें। इनके अतिरिक्त गणतन्त्र दिवस और हिन्दी दिवस पर सामग्री प्रकाशित की गई है। इस अंक में संदीप तोमर नें 'बलम कलकत्ता' पर अपनी समीक्षा 'बलम संग कलकत्ता न जाइयो, चाहे जान चली जाये' और जय प्रकाश पांडे की पुस्तक पगडंडी में पहाड़ की समीक्षा पढ़ें।
भारत-दर्शन का सम्पूर्ण अंक पढ़ें।
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